AAP नेता पुरानी वीडियो शेयर कर भारतीय सेना को बदनाम करने की कोशिश की, कड़ी आपत्ति के बाद हटाया

आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक राजेंद्र पाल गौतम जैसे कुछ लोगों ने भारतीय सेना के खिलाफ आपत्तिजनक दावा किया कि भारतीय सेना के जवानों को उनके वरिष्ठों द्वारा जातिसूचक गालियों और टिप्पणियों से अपमानित किया जाता है।



इस समय देश कोरोना वायरस जैसी भयानक महामारी से जूझ रही है। देश के सभी नागरिक बड़े पैमाने पर सरकार द्वारा दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इसमें सेना के जवान भी शामिल हैं, जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में फ्रंट लाइन में खड़े हैं।


जिसके बाद इंडियन आर्मी ने इस पर कड़े शब्दों में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि सेना से सत्यापित किए बिना इस तरह के पुराने वीडियो को सर्कुलेट करना निंदनीय और अफसोसजनक है। भारतीय सेना ने कहा कि उन्हें जाति, मजहब या धर्म के संदर्भ के बिना भारतीय समाज के सभी सैनिकों पर गर्व है।


सेना ने कहा कि वीडियो तीन साल पुराना (2017) है और भारतीय सेना के लिए शत्रुतापूर्ण तत्वों द्वारा सर्कुलेट किया गया है। AAP विधायक गौतम द्वारा आज शेयर किया गया वीडियो जनवरी 2018 के टाइम स्टैम्प के साथ YouTube पर उपलब्ध है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि ये वीडियो पुरानी हो सकती है। सेना ने भी दावा किया है कि यह वीडियो 2017 का है।


भारतीय सेना द्वारा इस वीडियो पर आपत्ति जताए जाने के बाद AAP नेता राजेंद्र पाल गौतम ने वीडियो को यह कहते हुए हटा लिया कि अभी आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें फोन कर बताया कि यह 2-3 साल पुरानी घटना है। इस सैनिक ने आपसी झगड़े के चलते नाराज़गी मे एक वीडियो रिकॉर्ड किया जिसे बाद मे छेड़छाड़ कर दोबारा वायरल किया गया।


भारतीय सेना के जवान के एक पुराने वीडियो को साझा करने को लेकर हो रही आलोचना को रोकने के लिए, आप नेता गौतम ने ऊना, झज्जर, रोहित वेमुला, पायल तडवी और कई अन्य लोगों की घटनाओं का हवाला दिया, जिसमें जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया गया।


AAP नेता ने ट्वीट करते हुए लिखा, “हम राष्ट्रवाद और बाबासाहेब को मानने वाले लोग है, हमे कोई राष्ट्रवाद न सिखाए। हम पक्के देशभक्त हैं। देश के लिए अपनी जान न्योछावर करना जानते हैं। हम देश की सेना का मनोबल को नही गिरने देंगे, न हमारा ऐसा कोई इरादा है।”


ट्वीट में आगे उन्होंने लिखा, “लेकिन हम केंद्र की सरकार से और राज्य सरकारों से निवेदन करते हैं कि वह तुरंत देश से जातिवाद को खत्म करने की दिशा में काम करें और जहाँ भी जातिवाद और अस्पृश्यता की घटना हो उन घटनाओं पर मुकदमा दर्ज करके स्पीडी ट्रायल के जरिए ऐसे लोगों जल्द से जल्द सजा दी जाए, ताकि जातिगत भेदभाव की घटनाएँ रुक सकें।”