झारखंड: गढ़वा रंका विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि देश का सबसे पिछड़ा/गरीब जिला गढ़वा इन दिनों कई आपदा की मार झेल रहा है। अभी कुछ दिन पूर्व ही अति ओलावृष्टि की वजह से आमजनों/किसानों का फसल की क्षति के साथ-साथ खपरैल मकान ध्वस्त हो गया था।
सरकारी सहायता की उम्मीद में साहूकारों से कर्ज लेकर भुक्तभोगियों ने घर मरम्मत कराने का काम किया था लेकिन आज तक आमजनों/किसानों को सरकारी सहायता तो मिला ही नहीं, उल्टे मंगलवार को भारी आंधी तूफान की चपेट में आने से पूरा गढ़वा जिला के गरीब/किसानों की कमर टूट गई। सैकड़ों घरों के साथ-साथ घर में रखा राशन और वस्त्र भी बर्बाद हो गया। आज सैकड़ों लोग खुले आसमान के नीचे जीवन जीने को मजबूर हैं।
उन्होंने बिजली विभाग के पदाधिकारी/कर्मियों से इस तूफान के कारण ठप हुई विद्युत आपूर्ति को अविलंब बहाल करने की बात कही है ताकि भीषण गर्मी में जिला वासियों को राहत दी जा सके।
उन्होंने कहा कि विगत कई दिनों से मेरे द्वारा प्रवासियों की चिंता करते हुए राज्य सरकार से उन्हें सकुशल वापसी का आग्रह करने के बावजूद राज्य सरकार की उदासीन/धीमी गति ने राज्य के साथ-साथ गढ़वा के प्रवासी मजदूरों को अन्य प्रदेशों जैसे कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब सहित कई राज्यों में जलालत की जिंदगी जीने को विवश हैं।
राज्य सरकार की विफलता का आकलन इससे लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार द्वारा प्रवासियों के सहयोग और वापसी तो दूर की बात, आज तक प्रवासियों का सही सही आंकड़ा भी जुटाने में सरकार असफल रही है।
पूर्व विधायक ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि आंधी तूफान तथा पूर्व में हुई ओलावृष्टि से गढ़वा जिले में हुए नुकसान का आकलन कराकर सभी लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए ताकि सभी भुक्तभोगी फसल क्षति की भरपाई के साथ-साथ अपने मकान को भी दुरुस्त कर सकें। साथ ही साथ प्रवासियों की समस्या के प्रति सरकार गंभीरता दिखाते हुए उनके सकुशल घर वापसी की व्यवस्था करे।