गढ़वा: प्रवासी राहगीरों के लिए उत्तम भोजन का प्रबंध हमारी जिम्मेदारी: सत्येंद्र नाथ तिवारी

गढ़वा: गढ़वा-रंका विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक सह भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्री सत्येंद्र नाथ तिवारी ने देश के कोने कोने से पैदल, साइकिल, रिक्शा या अन्य माध्यमों से लौट रहे विवश और लाचार प्रवासी राहगीरों को उत्तम भोजन उपलब्ध कराने हेतु गढ़वा रंका विधानसभा में तीन हाईवे राहत शिविर केंद्रों का शुभारंभ किया।



पूर्व विधायक के द्वारा (1) राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 75 पर डाल्टनगंज और गढ़वा के बीच तिलदाग में, (2) गढ़वा और मेराल के बीच लगमा में तथा (3) स्टेट हाईवे संख्या 343 पर गढ़वा और गोदरमाना के बीच रंका में हाईवे राहत शिविर में सभी प्रवासी राहगीरों को बेहतर भोजन उपलब्ध कराई जा रही है।


मौके पर पूर्व विधायक ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के कारण आज समस्त देश में लॉक डाउन की स्थिति है। ऐसे में झारखंड सरकार की उपेक्षा और विफलता के कारण लाखों की संख्या में प्रवासी नाना प्रकार की यातना झेलते हुए झारखंड के कई जिलों के लिए सड़क मार्ग से निकल पड़े हैं। सरकार के द्वारा उन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है। इसलिए भाजपा परिवार ने मुसीबत की मार झेल रहे प्रवासियों को बेहतर भोजन मुहैया कराने का बीड़ा उठाया है, ताकि उनका दुख कुछ कम हो सके।


श्री तिवारी ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। आपदा के समय में जरूरतमंद लोगों की मदद करने से बढ़कर कोई पुण्य का काम नहीं होता। यही जीवन की सबसे बड़ी कमाई है। इसलिए तीनों हाईवे राहत शिविरों में जब तक प्रवासियों का आवागमन चालू रहेगा, तब तक अनवरत उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई है।


पूर्व विधायक ने बताया कि तिलदाग में हाईवे राहत शिविर का संचालन मुख्य रूप से विजय तिवारी, सत्येंद्र तिवारी, गुड्डू तिवारी, लगमा में संतोष दुबे, मृत्युंजय दुबे, सुमेर दुबे, लक्ष्मण दुबे ,सुरेश बिंद, प्रदीप पासवान तथा रंका में मुरारी यादव, उत्तम पांडे, प्रेमचंद प्रसाद, संजय सिन्हा, सुनील माली, संतोष तिवारी के नेतृत्व में किया जा रहा है।


उन्होंने राज्य सरकार पर प्रवासियों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड सरकार आज सिर्फ प्रवासी मजदूरों को गुमराह करने एवं तुष्टीकरण की राजनीति में व्यस्त है। सरकार आज प्रवासियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के बजाय रोज नए-नए बहाना बनाकर प्रवासियों की मजबूरी का मजाक उड़ा रही है। जिसके कारण आज लाखों प्रवासी सड़कों पर दर दर की ठोकर खा रहे हैं।