कॉन्ग्रेस नेता अभय थिप्से, बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस नीरव मोदी का बचाव के लिए ब्रिटेन की अदालत में पेश हुए।

नीरव मोदी पर वर्ष 2011 से 2017 तक पीएनबी के अधिकारियों के साथ धोखाधड़ी और साजिश द्वारा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के LoUs (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) के माध्यम से अत्यधिक लाभकारी दरों पर £700 मिलियन (6,498 करोड़ रुपए) के बिना सेंक्शन किए ऋण प्राप्त करने का आरोप है।



“बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस अभय थिप्से नीरव मोदी का बचाव करने के लिए ब्रिटेन की अदालत में पेश हुए। पप्पू @राहुल गाँधी, आपने उसे वहाँ भेजने से पहले क्या सोचा था? भारत का कोई भी नहीं जानता या फिर नीरव ब्लैकमेल कर रहा है?”


दरअसल, ये लगभग वो मामले हैं, जिन पर अक्सर कॉन्ग्रेस से लेकर हर सरकार विरोधी दल केंद्र सरकार के खिलाफ फर्जी नेरेटिव बनाते हुए आया है। ऐसे में यदि कॉन्ग्रेस अपने नेताओं को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) के बचाव में उतारती है तो इस पर पार्टी की संदेहास्पद भूमिका ही नजर आती है कि आखिर क्यों वो एक भगोड़े का बचाव कर रही है?


अभय थिप्से ने नीरव मोदी के बचाव में गवाही दी है, जिसके बाद वो चर्चा में हैं। भारत सरकार ने बुधवार (मई 13, 2020) को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ धोखधड़ी और धन शोधन के मामले में लंदन की एक अदालत में सबूतों के तौर पर और दस्तावेज जमा किए।


इस सुनवाई में नीरव मोदी के बचाव पक्ष में 2 लोगों ने गवाही दी है – पहले हैं थियेरी फ्रिच और दूसरे हैं भारत से न्यायमूर्ति अभय थिप्से (Abhay Thipsay)। इन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से नीरव मोदी के बचाव में अपनी गवाही दी।


पहले गवाह थियेरी फ्रिच एक मशहूर फ्रांसीसी आभूषण विशेषज्ञ हैं। दूसरे गवाह अभय थिप्से दिलचस्प हैं। बॉम्बे और इलाहाबाद उच्च न्यायालयों के पूर्व न्यायाधीश, रहने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट से रिटायर्ड जज अभय थिप्से, वर्ष 2018 में कॉन्ग्रेस ज्वाइन कर चुके हैं।


वर्ष 2019 के आम चुनावों से कुछ महीने पहले ही कॉन्ग्रेस में शामिल होने के बाद अभय थिप्से ने कहा था:


“फासीवादी ताकतों के सामने खड़ा होना जरूरी है। झूठी ऐतिहासिक पटकथा लिखी जा रही हैं। संवैधानिक सिद्धांतों को बरकरार रखा जाना जरूरी है। आक्रामक राष्ट्रवाद की आड़ में सांप्रदायिकता फैलाई जा रही है। इन सभी ताकतों के खिलाफ अकेले लड़ना असंभव है।”


सोशल मीडिया पर भी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के लिए अभय थिप्से की दी गई गवाही चर्चा का विषय बन गई है। लोगों का कहना है:


ज्ञात हो कि ये वही अभय थिप्से हैं, जिन्होंने ‘हिट एंड रन’ केस मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को ज़मानत दी थी।


इसके अलावा अभय थिप्से ने सोहराबुद्दीन मामले में भी न्यापालिका के फैसले पर ही सवाल उठाते हुए कहा था कि यह न्यायपालिका की विफलता है और न्याय तन्त्र असफल हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया था कि हाई-प्रोफाइल आरोपितों को बरी किया गया है।