राज्य सरकार की दिलचस्पी प्रवासी मजदूरों के बजाय खजाने पर: सत्येंद्र नाथ तिवारी

गढ़वा: गढ़वा-रंका विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री सत्येंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने देश के कोने कोने में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए सभी को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए 1200 ट्रेनों को आरक्षित किया है लेकिन राज्य सरकार द्वारा बहुत ही कम ट्रेनों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की वजह से केंद्र सरकार देश के अन्य राज्यों में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेन मुहैया नहीं करा पा रही है।



उन्होंने राज्य सरकार की मंशा प्रवासी मजदूरों के प्रति ठीक नहीं होने का उदाहरण एक आंकड़े के साथ प्रस्तुत करते हुए कहा कि जैसे पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में अभी तक 400 श्रमिक ट्रेन, बिहार में 200 श्रमिक ट्रेन की तुलना में झारखंड सरकार द्वारा मात्र 34 ट्रेनों का ही अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण एवं चिंता का विषय है, जो सरकार की नियत को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। इसकी पुष्टि भारत सरकार के रेलवे मंत्री आदरणीय पीयूष गोयल जी ने भी किया है।


श्री तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार की रुचि प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के बजाय केंद्र पर आरोप मढ़ने एवं खजाना खाली का झूठा प्रचार कर अपनी जिम्मेदारियों से भागने में ज्यादा है।


पूर्व विधायक ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा है कि विवश, लाचार प्रवासी मजदूरों से राजनीति ना करते हुए राज्य सरकार देश के कोने कोने में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए रेल मंत्रालय को सिर्फ अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत कर प्रवासी मजदूरों की घर वापसी करने में रोड़ा ना अटकाते हुए सहयोग करें।