चीनी एप्स पर भारत की तरफ से एक और ज़ोरदार प्रहार हुआ है. भारत सरकार ने अब 47 और चीनी एप्स को बैन यानि प्रतिबंधित कर दिया है. अभी कुछ् समय पहले ही सरकार ने चीन की 59 एप्स को प्रतिबंधित किया था.
जिन 47 एप्स को अब भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित किया गया है, इनमे से ज़्यादातर क्लोनिंग वाले एप्स हैं. मतलब पहले प्रतिबंधित की गईं एप्स का क्लोन बनाकर उन्हे बाज़ार में उतार दिया गया था.
भारत विश्व का पहला और एकमात्र ऐसा देश है जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा को नज़र में रखते हुए और अपने नागरिकों के निजी डांटा की सुरक्षा हेतु चीन की एप्स के खिलाफ इतना कड़ा कदम उठाया है. भारत की इस सख्ती के बाद अब अमरीका और आंस्ट्रेलिया जैसे देश भी चीन की एप्स पर बैन लगाने का विचार कर रहे हैं.
जिन 59 एप्स को सरकार पहले ही प्रतिबंधित कर चुकी है, उनमे टिक टांक जैसी एप्स भी शामिल हैं. बल्कि भारत सरकार के बैन के बाद अब टिक टांक पर इतने गहरे संकट के बादल मंडरा रहे हैं कि कंपनी चीन के बाहर कहीं और रीलोकेट करने का विचार कर रही है! अमरीका और आंस्ट्रेलिया जैसे देश भी जिन एप्स पर बैन लगाने का सर्वाधिक विचार कर रहे हैं, उनमे टिक टांक पहले नंबर पर है.
इन 47 क्लोनिंग वाली एप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब भारत सरकार की नज़र 275 चीनी एप्स पर है जिनमे गेमिंग की लोकप्रिय एप PUBG भी शामिल है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार डिजिटल एप्स को नियंत्रित करने के लिये जल्दी ही एक कानून भी ला सकती है.
पिछले कुछ वर्षों में जिस तेज़ी से भारत में मोबाइल फोन पर इंटरनेट का प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है, उतनी ही तेज़ी से भारत बहुत सी सोशल मीडिया कंपनियों और दिजिटल एप्स के लिये सबसे बडा बाज़ार बन गया है. सके साथ ही भारत के लिये खतरे भी बढ़े हैं. ये एप्स किस प्रकार से यूज़र डेटा को एकत्रित करती हैं, फिर उसका प्रयोग किस उद्देश्य के लिये करती हैं, इन सभी चीज़ों को नियंत्रित करने के लिये फिलहाल देश में कोई अलग से कानून नहीं है.
भारत ने गलवान घाटी मुठभेड़ के बात ही चीनी एप्स के खिलाफ एक्शन लिया जिससे चीन सकते में आ गया क्योंकि चीन को भारत से ऐसी कठोर कार्यवाही की उम्मीद बिल्कुल बहीं थी. चीनी एप्स पर लगा बैन भारत की चीन का आर्थिक बहिष्कार नीति का हिस्सा है. इस नीति में चीन का डिजिटल बांयकाट यानि डिजिटल बहिष्कार भी शामिल है. विश्व विख्यात भारतीय वैज्ञानिक सोनम वांगचुक ने भी कुछ समय भारतीयों को चीनी सामान का बहिष्कार करने के लिये प्रेरित करने हेतु एक मुहिम की शुरुआत की थी.
भारत सरकार की इस चीन की आर्थिक बहिष्कार नीति के सकारात्मक परिणाम अभी से आने शुरू हो गये हैं. चीन की डिजिटल एप्स पर तो कड़ा प्रहार हो ही रहा है, उसके सभी कारनामों पर अब पूरे विश्व की नज़र जा रही है और उस पर अंतराष्ट्रीय दबाव बढ रहा है.