Delhi Riot Episode-1; साजिश रचकर कराए गये दिल्ली में दंगे! खालिद ने किया बड़ा खुलासा!

दिल्ली हिंसा की साजिश की परतें लगातार खुलने लगी हैं!राजधानी दिल्ली में हिंसा किए जाने के लिए माहौल उसी समय तैयार कर लिया गया था जब केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून (CAA) पास किया था। हिंसा की पहली शुरुआत 13- 15 दिसम्बर को जामिया इलाके से प्रारंभ हुई थी. जामिया हिंसा के बाद बनाया गया जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने इस कानून के विरोध में मुस्लिम समाज के लोगोंं को एकजुट करने के लिए कोई कोर कसर नहींं छोड़ा था।



जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी को जामिया के स्टूडेंट, आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोशिएशन, स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन, मुस्लिम स्टूडेंट फोरम, जामिया स्टूडेंट फोरम जैसे कई संगठन के लोगों ने बनाया था। कुख्यात जाकिर नाइक और पीएफआई समेत देश विदेश से इस संगठन को अवैध तौर पर फंडिंग मिल रही थी.


नागरिकता कानून के विरोध में सबसे पहले इसी संगठन ने विरोध बुलंद किया था. जामिया हिंसा के बाद जामिया यूनिवर्सिटी ने साफ किया था कि इस संगठन से विश्वविद्यालय का कोई लेना देना नहीं है। वैसे  जैसे-जैसे दिल्ली पुलिस इस मामले में चार्जशीट पेश कर रही है वैसे वैसे दिल्ली में हुए हिंसा की साजिश की गुत्थी लगातार सुलझ रही है।


दिल्ली पुलिस ने अपने हलफनामे में भी स्पष्ट किया है कि सुनियोजित तरीके से दिल्ली में दंगा किया गया। इस मामले में कुल 751 केस दर्ज हुए, जिनमें से 53 दंगे के साथ हत्या के, 29 दंगे के साथ हत्या के प्रयास के, 665 दंगे के, 3 दंगे के साथ डकैती के और एक दंगे के साथ असॉल्ट का केस है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक इनमें से 200 केस में चार्जशीट दायर की जा चुकी है. और अब तक 1430 लोग गिरफ्तार हुए हैं. दिल्ली पुलिस के हलफनामे में 581 लोगों के घायल होने का जिक्र है. इनमें से 97 लोग गोली से घायल हुए. घायलों में 108 पुलिसकर्मी शामिल है।


इतना ही नहीं कुछ बड़े चेहरे इस दंगे के मुख्य किरदार रहे हैं वैसे उनके नाम का खुलासा अभी नहीं हो पाया है क्योंकि मामले में अभी जांच जारी है। जिन लोगों के नाम इस दंगे को लेकर सामने आए हैं उनमें आम आदमी पाार्टी के निष्कासित पार्षद ताहिर हुसैन, मीरान हैदर, शरजील इमाम, सफूरा जरगर समेत कुछ अन्य चर्चित चेहरे हैं।


पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किए गए अब तक के चार्जशीट से दंगे का सच का खुलासा हो रहा है। चार्जशीट के मुताबिक दिल्ली में हुए प्रदर्शन और दंगे कोई अचानक हुई घटना नहीं थी, बल्कि उसके लिए पूरी पटकथा लिखी गई। दंगे का सच जानने के लिए खालिद नामक आरोपी के द्वारा दिए गए पुलिस के बयान पर गौर करना जरूरी है।


खालिद नामक आरोपी ने पुलिस को पूछताछ में बताया है कि उन लोगों ने इस वारदात को योजना बनाकर अंजाम दिया। इसमें जामिया के कुछ छात्रों ने उनका साथ दिया। उन लोगों को लगता था कि वर्तमान केंद्र सरकार मुस्लिम विरोधी है। कश्मीर से धारा 370 और 35 A हटाए जाने के बाद उन्हें इस पर यकीन हो गया था, जबकि बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर उन लोगों का गुस्सा पहले से इस सरकार के खिलाफ था।


खालिद का कहना था जब सीएए लागू कर दिया गया, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू करने की बात होने लगी, उन्हें लगा कि यही सही मौका है लोगों को भड़काकर इस मुद्दे को  बड़ा बना दिया जाए इससे कि सरकार  झुक जाए।


चार्जशीट के मुताबिक 11 जनवरी 2020 को सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर पर्चे वितरित कराए गए। एसआईटी की चार्जशीट में खालिद से पूछताछ के आधार पर कहा गया है कि 12 जनवरी 2020 को जगह जगह मदरसे में मीटिंग हुई, जिसमें आस-पास में रहने वाली औरतों को इकट्ठा करके धरने के लिए उकसाया गया और मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन करने का निर्णय हुआ। 23 फरवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दिल्ली आने की बात पता चली तो राजधानी में अलग-अलग जगह रोड जाम करके प्रोटेस्ट का प्लान बनाया गया। प्रोटेस्ट को हटाने पर इसे दंगों में तब्दील कर देने की योजना बनाई गई, जिससे विदेशों में सरकार की छवि खराब हो जाए।


इसके लिए PFI की ओर से धन मुहैया कराया जा रहा था। भगोड़ा जाकिर नाइक से भी संपर्क साध कर उनसे धन इकट्ठा किया गया। योजना के मुताबिक खुरेजी में जाम किया गया और रोकने पर जाम करने वालों ने पुलिस पर पथराव किए गए। दिल्ली पुलिस का कहना है दंगे सुनियोजित तरीके से कराए गए थे|