झारखंड: गढ़वा रंका विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री सत्येंद्र नाथ तिवारी ने झारखंड की महागठबंधन की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि वर्तमान सरकार की नियत में खोंट का खामियाजा आज झारखंड के लाखों प्रवासी भुगतने को विवश हैं।
File Photo; सत्येंद्र नाथ तिवारी
श्री तिवारी कहा कि लॉक डाउन प्रारंभ होने से आज तक राज्य सरकार मजदूरों की समस्या को सुलझाने के बजाय नए-नए लॉलीपॉप दिखाकर उलझाने का काम करती रही। सरकार के इसी लॉलीपॉप की जाल में फंसकर इस उम्मीद में कि घर वापसी की व्यवस्था सरकार करेगी, प्रवासियों के पास जो कुछ भी थोड़ा बहुत पैसा था, वे उसे खाने में खर्च कर दिए। पैसा खत्म होने के फलस्वरूप उन बेचारों की हालत वही पुरानी कहावत "ना घर के, ना घाट के" जैसी हो गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को प्रवासियों की घर वापसी संबंधी अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए ताकि प्रवासियों के मन में अब भी जो थोड़ी उम्मीद के चलते दुविधा है। उस दुविधा से निकलकर प्रवासी स्वयं के बारे में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हो सकें।
श्री तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार कि प्रवासियों के प्रति उपेक्षा की नीति के कारण आज लाखों की संख्या में महिला, पुरुष और बच्चे दो जून की रोटी के लिए तरस रहे हैं। उनका घर-बार और रोजगार छिन गया है लेकिन राज्य सरकार उनकी सुध लेने के बजाय श्रेय लेने की राजनीति कर रही है।
पूर्व विधायक ने झारखंड सरकार से मांग करते हुए कहा है कि सरकार अविलंब प्रवासियों की घर वापसी संबंधित नीति को राज्य की जनता के सामने इमानदारी पूर्वक सार्वजनिक करे। साथ ही साथ प्रवासी जो विकट परिस्थिति झेल रहे हैं उनकी भावनाओं का अनादर ना करे।